क्या हिंदी ब्लॉग्गिंग अंग्रेजी ब्लॉग्गिंग को भविष्य में पछाड़ देगी ?

नए ब्लोग्गर्स का आना और हिंदी ब्लॉग बनाना फिर Blogging छोड़ देना, आज के समय में बहुत आम बात हो गई है। जब भी कोई नया हिंदी blogger, ब्लॉग्गिंग छोड़ता है तो वह तरह-तरह के तर्क देता है कि उसने blogging क्यों छोड़ दी। उन तर्कों में से एक तर्क बहुत लोकप्रिय हो गया है और वह है कि हिंदी भाषा में blogging नहीं हो सकती, और फिर या तो वो लोग ब्लॉग्गिंग पूरी तरह छोड़ देते है या अंग्रेजी भाषा में ब्लॉग्गिंग करने की तरफ आकर्षित हो जाते है।

अगर हम तथ्यों की बात करें तो हिंदी इंटरनेट पर इस्तेमाल की जाने वाली दूसरी सबसे बड़ी भाषा है। इतनी बड़ी भाषा होने के बाबजूद इंटरनेट पर सिर्फ 0.04% ब्लोग्स ही हिंदी में उपलब्ध है जबकि अंग्रेजी का इंटरनेट पर userbase बहुत अधिक है और यह पहले स्थान पर है और 54% ब्लोग्स इन users के लिए बन चुकी है।blogging

इसका अर्थ हुआ कि हिंदी ब्लोग्स इंटरनेट पर न के बराबर बनी हुई और अभी हजारों ऐसे टॉपिक्स हैं जिनपर किसी ने आज तक ब्लॉग ही नहीं बनाई या कभी सोचा ही नहीं। लेकिन फिर भी कई हिंदी ब्लोग्गेर्स को लगता है कि हिंदी में ब्लॉग्गिंग करने का कोई फायदा नहीं है।

इस लेख में हम इसी टॉपिक पर बात करने वाले है कि आखिर क्यों कुछ हिंदी bloggers के मन में यह डर बैठ रहा है कि हिंदी blogging का भविष्य उज्जवल नहीं है और हिंदी ब्लॉग्गिंग से पैसे कमाना कठिन क्यों होता जा रहा है।

हिंदी ब्लोग्गेर्स क्यों ऐसा सोच रहे है?

एक बात तो तय है की हिंदी blogging का भविष्य उज्जवल है लेकिन फिर भी हिंदी bloggers ये क्यों सोच रहे हैं कि इसमें भविष्य नहीं है इसके मुख्य कारण कुछ इस तरह से है।

सिर्फ सिमित विषयों पर ब्लोग्स बनाना – हिंदी ब्लॉग्गिंग में ये issue बहुत अधिक देखने को मिलता है कि लगभग हर चौथा या पांचवा ब्लॉगर एक जैसे टॉपिक पर काम कर रहा होता है। हिंदी ब्लोग्गर्स का सबसे चहिता विषय है ‘ ब्लॉग्गिंग और SEO ‘ जब कोई नया ब्लॉगर हिंदी में ब्लॉग बनता है तो शायद वह शुरुआत में अलग विषय पर बात करते है लेकिन कुछ महीनो में उनका विषय भी ‘ ब्लॉग्गिंग और SEO ‘ हो जाता है।

खुद को सीमित रखना हिंदी bloggers को सफलता न मिलने का मुख्य कारण यही है कि वह खुद को सीमित रखते है इंटरनेट पर कई सारे ऐसे टॉपिक्स है जिन पर ब्लॉग्स ही नहीं बानी। अगर हम डिजिटल मार्केटिंग के ही विषय का उदहारण ले तो इसके भी सिर्फ 2-4 टॉपिक्स पर हिंदी ब्लॉग्स पर बात की जाती है, लेकिन बाकि टॉपिक्स पर बात नहीं की जाती जैसे – advertising, marketing, Content Marketing, Social Media Marketing, Pay Per Click (PPC), Native Advertising, Marketing Automation, Email Marketing, Online PR, Inbound Marketing, Sponsored Content और अगर इन टॉपिक्स पर बात की भी जाती है तो न के बराबर।

कुछ नया इस्तेमाल न करना हिंदी ब्लोग्गर्स कुछ नया इस्तेमाल बहुत कम करते है जैसे शायद ही कोई ऐसा हिंदी ब्लॉगर होगा जिसने micro niche ब्लॉग बनाया होगा क्यूंकि वह मानता है कि  micro niche सिर्फ अंग्रेजी भाषा में शुरू हो सकते है।

एक हिंदी ब्लॉगर को लगता है की माइक्रो टॉपिक्स सिर्फ अंग्रेजी भाषा में ही होते है जबकि ऐसा नहीं है। जैसे –  उसे बनाना तो  micro niche ब्लॉग ही चाहिए लेकिन उन टॉपिक्स पर जिनकी हिंदी भाषा में वैल्यू है जैसे – ncert, इस टॉपिक पर आपको बहुत सारे ब्लोग्स मिल जाएंगे परन्तु शायद ही कोई ऐसा ब्लॉग होगा जो सिर्फ NCERT के इतिहास विषय पर बना हो या किसी अन्य विषय पर।

इसी प्रकार से हजारों की संख्या में ऐसे टॉपिक्स है जिनके बारे में हिंदी ब्लोग्गर्स सोचते तक नहीं जैसे – अगर हिंदी ब्लॉगर कोई ट्रेवलिंग वेबसाइट बना रहा है तो वह दुनिया भर के फेमस स्थानों के बारे में लिख देगा लेकिन अपने जिले के एक भी फेमस जगह के बारे बारे में नहीं लिखेगा। ठीक ऐसे ही अगर कोई सरकार की योजना टॉपिक पर वेबसाइट बनाता है तो वह पुरे भारत की सरकारी योजनाओं की बात करेगा लेकिन अपने राज्य की नहीं, जबकि वह सिर्फ अपने राज्य की सरकारी योजनाओं पर लिखकर लाखों में हर महीने ट्रैफिक ले सकता है, या सिर्फ एक ही योजना पर ब्लॉग बनाकर।

जल्दी हार मान लेना हिंदी ब्लोग्गर्स जल्दी हार मान लेते है और इसका मुख्य कारण यह है कि वह जल्दी जल्दी पैसे कमाना चाहते है कि आज ब्लॉग बनाओ 5 दिन बाद एडसेंस लो और उसी महीने लाखों कमाओ। ये वाक्य मैंने तथ्यों के आधार पर कहा है, ऐसे लोग आपको फेसबुक पर बहुत सारे मिल जाते है।

इसके अलावा भी बहुत से ऐसे कारण है जिनकी वजह से हिंदी ब्लोगेर्स सफल नहीं हो पाते और ये सोचने लगते है कि हिंदी ब्लॉग्गिंग का भविष्य उज्वल नहीं है या इसमें सफल नहीं हो जाया सकता जबकि ऐसा नहीं है।

क्या हिंदी ब्लॉग्गिंग अंग्रेजी Blogging को भविष्य में पछाड़ देगी।

इसका जवाव है शायद हाँ – क्यूंकि इंटरनेट पर हिंदी बोलने और पढ़ने वालों की संख्या में दिन प्रतिदिन वृद्धि हो रही है। हिंदी भाषा में बहुत सारे ऐसे न्यूज़ पोर्टल है जिनपर शायद करोड़ो विजिटर हर महीने आते है।  इन न्यूज़ पोर्टल्स के अलावा भी बहुत सारे ऐसे ब्लोग्स है जिनका महीने का ट्रैफिक millions में है।

और हिंदी Blogging का भविष्य ब्लोग्गर्स पर भी निर्भर करता है कि क्या वह लगातार इस भाषा में काम करते है या नहीं। इंटरनेट पर बहुत सारे ऐसे टॉपिक्स है जिनको सिर्फ पढ़ा जा सकता है उनको वीडियोस में बहुत कम लोग देखते है जैसे कोई जॉब वेबसाइट। यूट्यूब पर जॉब टॉपिक पर काम करने वाले लोगों पर बहुत कम लोग विश्वास करते है क्यूंकि यूट्यूब पर आधी जानकारी गलत होती है इसलिए वह न्यूज़ ब्लोग्स या अन्य ब्लोग्स की मदद लेते है। .

कुल मिलाकर कहें तो हिंदी ब्लॉग्गिंग का भविष्य उज्जवल है और वह अंग्रेजी भाषा को भी पछाड़ सकता है, बस जरूरत है तो हिंदी ब्लोग्गर्स के सही तरिके से काम करने की। अगर सभी हिंदी ब्लोग्गर्स सही से टॉपिक चुनने लग जाएँ और उन एक दो टॉपिक्स को छोड़कर (blogging, SEO) अन्य टॉपिक्स पर ध्यान दें तो उनके लिए बहुत सारे नए अवसर उनका इंतजार कर रहे है।

About Post Author :- तो दोस्तों हमे ये Guest Post राहुल यादव जी ने भेजी है जिनका ब्लॉग Hindi Blogger के नाम से है और इनकी लेखन कला भी शानदार है आप इनके ब्लॉग को विजिट करके भी अपने लिए बहुत ही उपयोगी जानकारियां प्राप्त कर सकते है और उम्मीद करते है कि आपको भी ये पोस्ट पसंद आया होगा और आप हिंदी ब्लॉगर के बारे में क्या सोचते है अपने विचार जरुर पेश करे हम आपके जवाब जानने के उत्सुक है|

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